Property ownership- यादि किसी जमीन के चार भूमिस्वमी है
1 year ago
यादि किसी जमीन के चार भूमिस्वमी है और 3 भूमिस्वामी अपनी हिस्से से उसे 3 में से किसी एक की पुत्री को बटवारा स्वरूप दे देते है और जिस बटवारा प्रकरण में 4था भूमिस्वामी उपस्थित होता है और सहमति दर्ज करवाता है उसके उपरांत भूमि में पुत्री काबिज हो जाती है, फिर वर्ष 1995-96 में भूमि बंदोबस्त होता है और सारी जमीन बिना किसी आदेश के 4थे भूमिस्वामी के नाम दर्ज कर दी जाती है, नाम दर्ज होने के बाद वह भूमि को पंजीकृत विक्रयपत्र के मध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को बेंच देता है, इसकी जानकारी होने के उपरांत पुत्री बंदोबस्त के उपरांत सुधार हेतु आवेदन प्रस्तुत करती है जिसमे सक्षम अधिकारी द्वारा मामला शीर्ष अ-6-अ में दर्ज कर 3 बार नोटिस भेजकर न्यायलय में बुलाया जाता है लेकिन 4 था भूमिस्वामि उपस्थित नहीं होता है और उसके विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही कर दी जाती है, 2 साल बाद जिस व्यक्ति ने भूमि खरीदी थी उसने नामांतरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया लेकिन उसे तहसीलदार ने खारिज कर दिया, तदउपरांत खरीददार ने बंदोबस्त अभिलेख सुधार के संबंध में जो आदेश पुत्री के पक्ष में पारित था उसके लिए अपील प्रस्तुत की जिसे एसडीएम ने समय सीमा से बाहर होने से आवेदन खारिज कर दिए है जिसकी निगरानी अपर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की जिसमे निगरानी भी निरस्त कर दी गई है,
अब खरीदार सिविल न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने की तैयारी में है अब बताए आगे हमारे तरफ से क्या तैय्यारी होनी चाहिए इसमें क्या क्या पुत्री के पक्ष से किया जा सकता है ।
You may get certified copies of all the records and certified copies of order sheets so that you can take second opinion (which is necessary to make your case stronger) then go to any Senior Advocate for second opinion.